द टेलिग्राफ के ऑनलाइन संस्करण ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सौरव गांगुली ने पिछले महीने बीजेपी के सामने यह साफ कर दिया है कि वह एक्टिव पॉलिटिक्स में शामिल नहीं होना चाहते हैं और क्रिकेट प्रशासक के तौर पर अपनी भूमिका से खुश हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि गांगुली की ओर से इनकार किए जाने के बाद पार्टी ने उनपर मन बदलने के लिए कोई दबाव नहीं डाला है।
खुद गांगुली की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है। बीजेपी सूत्रों ने इन दावों की ना तो पुष्टि की है और ना ही इससे इनकार किया है। अखबार को एक बीजेपी सूत्र ने 2019 लोकसभा चुनाव की ओर इसारा करते हुए कहा, ''पार्टी हमेशा चाहती थी कि गांगुली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं, लेकिन वह कई दूसरी भूमिकाओं में व्यस्त रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''आज स्थिति अलग है, क्योंकि बंगाल में हम बड़ी राजनीतिक ताकत बन चुके हैं।'' हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सौरव गांगुली की ओर से कोई भी भूमिका पार्टी की मदद करेगी।