कोरोना से बचने सीएमएचओ ने किया अलर्ट

महासमुंद। इन दिनों कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। जहां चीन में सौकड़ों लोगों के काल की गर्त में समा जाने के समाचार हैं, वहीं भारत में केरल, आंध्रप्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में भी कोरोना वायरस के संदिग्ध प्रकरणों की सूचनाएं मिली है। बता दें कि जिले में अभी तक कोरोना पीडि़त रोगी नहीं मिला है और जिले में इसे अभी तक हेल्थ इमरजेंसी यानी कि आपातकालीन स्वास्थ्य के तौर पर घोषित नहीं किया गया है, फिर भी जिले में कोरोना वायरस की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सर्तक हो गया है।


 


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस.पी.वारे ने कहा कि कोरोना वायरसको लेकर आमजन को डरने की जगह बचाव के संबंध में जागरूक होने की आवश्यकता है। यह वायरस बेहद खतरनाक है और अब तक इसके उपचार के लिए कोई दवा भी इजाद नहीं हो पायी है। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि कोरोना वायरस क्या है? कहां से फैला? इसके लक्षण क्या हैं? और इन परिथितियों में हमें क्या करना चाहिए? क्योंकि बचाव के लिये जानकारी और जागरूकता ही सबसे अहम है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिये शासकीय जिला चिकित्सालय से अथवा राज्य सर्वेलेंस इकाई के दूरभाष नंबर 0771-223509, 9713373165 एवं टोल फ्री नंबर 104 पर संपर्क कर सकते हैं।


बचाव के लिये जिला अस्पताल में स्पेशल सेल


सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ आर.के.परदल ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव एवं रोकथाम के लिए जिला अस्पताल में एक पृथक कक्ष चिन्हांकित किया गया है। जहां अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों से लैस वेंटिलेटर सहित तमाम आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां परामर्श एवं उपचार के लिए चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ कुलवंत आजमानी उपलब्ध रहेंगे। संभावित होने की स्थिति में भी स्वांश एवं गले की जांच सहित रक्त के नमूने भी लिए जा सकते हैं। संक्रमण की आशंका होने पर आप यहां सीधे संपर्क कर सकते हैं।


आखिर क्या है कोरोना वायरस


कोरोनाजो की प्राचीन रोमन सभ्यता की धर्म और वैटिकन सिटी की राजभाषा लैटिनका शब्द है, इसका अर्थ होता है मुकुट। इसके कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढांचे को इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी से देखने पर मुकुट जैसा आकार प्रदर्शित होने के कारण नाम कोरोना वायरसरखा गया। वैज्ञानिकों के मुताबिक चीन के वुहान शहर से फैला यह वायरस कोई साधारण वायरस नहीं, बल्कि कई वायरसों का ऐसा समूह है। जिसके पक्षी एवं सरीसृप जंतुओं से मनुष्यों तक फैलने के अनुमान लगाए जा सकते हैं। यह रोग संक्रमित व्यक्ति के खासने या छींकने पर हवा के जरिए, निकट संपर्क जैसे छूने या हाथ मिलाने आदि से दूसरे व्यक्तियों में तेजी से फैलता है।


लक्षण पहचानें, नहीं करें नजरअंदाज


इसके लक्षण आम फ्लू की तरह ही होते हैं। बुखार के साथ जुखाम, सिरदर्द, खांसी, गले में खराश और सीने में जकड़न जैसी समस्यायें होती हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा है, तो आप इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें, और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। चपेट में आने के बाद यदि आप लापरवाही करते हैं, तो यह आपके लिये जानलेवा साबित हो सकता है। संक्रमण से बचने के लिए खांसते और छींकते समय अपना मुंह और कांन ढंक कर रखें, संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से बचें, हाथ मिलाने, एक-दूसरे को छूने से परहेज करें, हाथों व शरीर की सफाई का खासा ध्यान रखें, बिना हाथ धोये अपनी आंख, मुंह एवं नाक को न छुयें, वायरस प्रभावित देशों व क्षेत्रों की यात्रा से बचें, मांस और अंडों इत्यादि का सेवन भली-प्रकार पका कर ही करें, जानवरों से जितनी हो सके उतनी अधिक दूरी बना कर रखें।