रमीजा परवीन
जगदलपुर बस्तर विकासखण्ड के पास परचनपाल मंे 220/132/33 केवी का विद्युत उपकेन्द्र निर्माणाधीन है और 30 जून तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। विद्युत विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता ने बताया कि इस विद्युत उपकेन्द्र के प्रारंभ होते ही पूरे बस्तर संभाग में बेहतर गुणवत्ता के साथ विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बस्तर संभाग में विद्युत आपूर्ति 400 केवी उपकेन्द्र रायता, 220 केवी उपकेन्द्र भिलाई और 220 केवी उपकेन्द्र गुरुर के माध्यम से की जा रही है। 220 केवी उपकेन्द्र भिलाई से बारसूर विद्युत उपकेन्द्र में विद्युत आपूर्ति होती है, जहां से बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बस्तर जिले में विद्युत आपूर्ति हो रही है। 400 केवी उपकेन्द्र परचनपाल में विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण अब अंतिम चरण में है और इस विद्युत उपकेन्द्र के प्रारंभ होने के साथ ही भिलाई, रायता एवं गुरुर पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि दूर से आ रही विद्युत लाईनों में फॉल्ट आने के कारण पूरे बस्तर में विद्युत आपूर्ति प्रभावित होती थी तथा परचनपाल में बन रहे इस नए विद्युत उपकेन्द्र के चालू होने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि बारसूर और जगदलपुर के बीच 220 केवी की नई लाईन का कार्य चल रहा है, जिसे भी 30 जून तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि परचनपाल में 400 केवी क्षमता का छत्तीसगढ़ का तीसरा सबसे बड़ा विद्युत उपकेन्द्र स्थापित है। इसके साथ ही बारसूर में भी 220 केवी का उपकेन्द्र स्थापित है, जबकि परचनपाल और नारायणपुर में निर्माणाधीन है। इसी तरह संभांग में 132 केवी के 9 विद्युत उपकेन्द्र स्थापित हैं तथा बीजापुर में एक विद्युत उपकेन्द्र निर्माणाधीन है। वर्तमान में 33/11 केवी के 117 उपकेन्द्र उर्जित हैं और 5 उपकेन्द्रों का निर्माण चल रहा है।
बस्तर संभाग में लगभग 7 लाख विद्युत उपभोक्ता हैं। अधिकांश विद्युत लाईने दुर्गम घने जंगलों के बीच से गुजरती हैं। आंधी-तूफान के दौरान पेड़ की डालियां गिरने से विद्युत व्यवस्था बाधित होती है। आकाश में बिजली चमकने से भी विद्युत लाईनों में हाई वोल्टेज तरंगे दौड़ती हैं, जिसके कारण खंबों में लगे इंसुलेटर फट जाते हैं। इससे भी विद्युत व्यवस्था बाधित होती है। इसके साथ ही विद्युत लाईनों में रस्सी, पतंग, फ्लेक्स, कपड़ा आदि उड़कर आ जाते है और वर्षा के दौरान गीला होने पर विद्युत व्यवस्था बाधित होती है।
बस्तर संभाग में 2353 किलोमीटर 33 केवी लाईन, 18280 किलोमीटर 11 केवी लाईन और 22395 किलोमीटर एलटी लाईन का नेटवर्क है। इतने बड़े क्षेत्र के इतने वृहद विद्युत नेटवर्क पर कार्य करना और तत्परतापूर्वक विद्युत आपूर्ति करना विशेषकर बस्तर संभाग जैसे दुर्गम वन क्षेत्र में अपने आप में एक बड़ी चुनौती है। आंधी-तूफान के दौरान पेड़ों के गिरने के कारण खम्बों के क्षतिग्रस्त होने पर कठिनाई और भी बढ़ जाती है, क्योंकि बिना खंबों को बदले विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं की जा सकती।
बस्तर संभाग मुख्यालय के लिए एक नया कार्यपालन अभियंता कार्यालय प्रस्तावित किया गया है, जिसका कार्य केवल जगदलपुर नगर निगम सीमा के उपभोक्तओं की सेवा है। इससे जगदलपुर मुख्यालय के उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। वर्तमान में पूरे बस्तर जिला के लिए एक कार्यपालन अभियंता पदस्थ है। विद्युत शिकायतों को दर्ज करने के लिए जगदलपुर में वर्तमान में पावर हाऊस और धरमपुरा केन्द्र है। इसके साथ ही जिला पंचायत कार्यालय के सामने भी एक नया विद्युत शिकायत केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। इससे नया बस स्टैण्ड, गीदम रोड में परपा नाका तक, अवंतिका कॉलोनी, शांति नगर, फ्रेजरपुर, बोधघाट, हाटकचोरा, नयामुण्डा, नयापारा, गंगामुण्डा और आसपास के क्षेत्र के उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर के ये तीनों विद्युत शिकायत केन्द्र चौबीस घण्टे सातों दिन कार्यरत कॉल सेन्टर से सीधे जुड़े हैं जिससे उपभोक्ता जब 1912 में शिकायत दर्ज करता है तो तत्काल उनकी शिकायत संबंधित विद्युत शिकायत केन्द्र में पहूंच जाती है। उपभोक्ता को न तो विद्युत कार्यालय आने की आवश्यकता है और न ही किसी से मिलने की। साथ ही प्रत्येक उपकेन्द्र में अलग से टेलीफोन की व्यवस्था भी है जैसे पॉवर हाऊस विद्युत शिकायत केन्द्र हेतु 07782-222308 एवं 75661-67601 और 62695-07777 जबकि धरमपुरा विद्युत शिकायत केन्द्र हेतु 07782-229600 एवं 96179-34300 और 6269507676 की व्यवस्था है ।
विद्युत व्यवधान के समय उस क्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारी लाईन सुधार कार्य में लग जाते हैं जिससे उपभोक्ताओं से उनका सम्पर्क नहीं हो पाता है। उपभोक्ताओं को वास्तविक स्थिति ज्ञात नहीं हो पाती, अतः बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि विद्युत व्यवधान की स्थिति मंे वे उपरोक्त तीनों विद्युत शिकायत केन्द्रों मे निर्देश के अनुरूप उपस्थित रहकर उपभोक्ताओं को सही जानकारी से अवगत कराते रहें। जिससे उपभोक्ताओं को जहां वस्तुस्थिति ज्ञात होगी वहीं ये अधिकारी विद्युत सुधार में लगे अधिकारी कर्मचारियों की आवश्यकतानुसार वाहन एवं सामान पहुंचाने में भी इनकी भागीदारी होगी जिससे कम समय में विद्युत आपूर्ति बहाल हो सके।
यहां यह भी महत्वपूर्ण तथ्य है कि उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत कम्पनी को बिना बताए अपने घर या प्रतिष्ठानों में अधिक लोड के उपकरण यथा एयर कंडीशनर इत्यादि लगा दिए जाते हैं जिससे विद्युत भार बढ़ने के कारण ट्रान्सफार्मर एवं विद्युत लाईनों में फाल्ट आते हैं अतः उपभोक्ता विद्युत भार बढ़ाने के पहले विद्युत कम्पनी को सूचित करे तो लोड के अनुरूप व्यवस्था पहले से ही हो जाने पर, हो रही असुविधा से बचा जा सकता है ।
विद्युत कम्पनी यह सुविधा भी देती है कि उपभोक्ता अपना मोबाइल नम्बर रजिस्टर करवा ले ताकि समय-समय पर होने वाले पूर्व नियोजित शट-डाउन की जानकारी एसएमएस द्वारा पहले से ही दी जा सके। अपना मोबाईल नम्बर रजिस्टर्ड कराने के लिए उपभोक्ता को मिस्ड कॉल देना होगा 7879255255 पर अथवा 1912 पर फोन लगाना होगा ।
उपभोक्ता सेवाओं में निगरानी हेतु अधिकारियों का दल गठित किया गया है एवं ट्रान्सफार्मर फेलियर, तार टूटना आदि अत्यधिक आवश्यक स्थितियों में अधिकारियों से सीधे सम्पर्क किया जा सकता है। यथा जगदलपुर, दन्तेवाड़ा बीजापुर, सुकमा जिलों के लिए अधीक्षण अभियंता, जगदलपुर मोबाईल नम्बर 6262046054 ,अधीक्षण अभियंता, जगदलपुर मोबाईल नम्बर 6262046033, कार्यपालन अभियंता, जगदलपुर मोबाईल नम्बर 6262046036, कार्यपालन अभियंता, बीजापुर मोबाईल नम्बर 9425260110, कार्यपालन अभियंता, दन्तेवाड़ा मोबाईल नम्बर 6262046037 एवं कार्यपालन अभियंता, सुकमा मोबाईल नम्बर 6262046039 से आपातकालीन स्थिति में सम्पर्क किया जा सकता है । वहीं कांकेर, कोण्डागांव, भानुप्रतापपुर, नारायणपुर जिलों के लिए अधीक्षण अभियंता, कांकेर मोबाईल नम्बर 6262046044, कार्यपालन अभियंता, कांकेर मोबाईल नम्बर 6262046048, कार्यपालन अभियंता, कोण्डागांव मोबाईल नम्बर 6262046049, कार्यपालन अभियंता, भानुप्रतापपुर मोबाईल नम्बर 6262046051 एवं कार्यपालन अभियंता, नारायणपुर मोबाईल नम्बर 6262046050 से आपातकालीन स्थिति में सम्पर्क किया जा सकता है।
विद्युत का कार्य जोखिम भरा होता है तथा सावधानीपूर्वक कार्य करना आवश्यक होता है । विद्युत कर्मी गिरते पानी, तेज धूप एवं ठण्ड में सेवा में लगे रहते हैं अतः इस अति आवश्यक सेवा को पूर्ण करने में इनकी सहभागिता तब और दुष्कर हो जाती है जब बस्तर जैसे दूरस्थ एवं घने वनआच्छादित क्षेत्रों में जहां कुछ क्षेत्र अति संवेदनशील भी हैं, में कार्य करना होता है। विद्युत कम्पनी निकट भविष्य में ही बस्तर में विद्युत आपूर्ति को आत्मनिर्भर बनाने जा रही है जिसका सीधा लाभ उपभोक्ता को मिलेगा ।