नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख बी एस धनोआ ने रविवार को कहा कि युद्ध के बदले परिप्रेक्ष्य में वायुसेना को नई दिशा में देखने, अपने रूख में बदलाव लाने और पुन:प्रशिक्षण की जरुरत है। उन्होंने यह भी कहा कि राफेल लड़ाकू विमान और एस 400 मिसाइल रक्षा प्रणाली भारत को प्रौद्योगिकीजन्य बढ़त बहाल करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि फ्रांस से खरीदे जा रहा राफेल जेट भारत के दो पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के विमानों से कहीं आगे है।
वायुसेना के पूर्व प्रमुख ने कहा, ''भारतीय वायुसेना ने सशस्त्र बलों के अन्य अंगों के साथ एक संयुक्त अभियान में पूर्ण पारंपरिक युद्ध लड़ने के लिए अपने आप को प्रशिक्षित किया है लेकिन उसे युद्ध के बदलते परिप्रेक्ष्य में अपनी दिशा में बदलाव लाने और पुन:प्रशिक्षण प्राप्त करने की जरुरत है। उसे योजना बनाकर निश्चित कालांतर में क्षमता संबंधी कमियों को दूर करना चाहिए। वह यहां एयर फोस एसोसिएशन की गुजरात इकाई द्वारा आयोजित पांचवें फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह शेखों वार्षिक स्मारक व्याख्यान में 'बदलते सुरक्षा परिप्रेक्ष्य में वायुसेना विषय पर बोल रहे थे।
गौरतलब है कि भारत फ्रांस से 36 राफेल विमानों का सौदा कर रहा है और इन विमानों का पहला बैच इस साल मई में आना शुरू हो जाएगा।धनोआ ने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बीते साल बालाकोट एयरस्ट्राइक के समय यदि हमारे पास राफेल विमान होता तो नतीजे और भी अलग होता। हम हिट करने वाले टारगेट को गिन सकते हैं लेकिन मरने वालों की संख्या नहीं। ये इंटेलिजेंस एजेंसी का इनपुट था हम इसपर टिप्पणी नहीं कर सकते।